दर दर की ठोकरे खिला दूंगा
देश को नाकों चने चबवा दूंगा
जनता को लाइन में लगा दूंगा
भ्र्ष्टाचार को अवश्य मिटा दूंगा
नोटबंदी के सुनहरे नाम पर
सभी को कंगाल बना दूंगा
देश की आर्थिक स्तिथि खराब हो
सभी मित्रों को मालदार बना दूंगा ,
जब सबकुछ खत्म हो जाएगा तो
एक कटोरा हाथ में थमा दूंगा
मांगो खाओ आराम और ऐश करो
मैं तो फ़क़ीर हूँ जो मिलेगा खा लूंगा ।
अज्ञात
देश को नाकों चने चबवा दूंगा
जनता को लाइन में लगा दूंगा
भ्र्ष्टाचार को अवश्य मिटा दूंगा
नोटबंदी के सुनहरे नाम पर
सभी को कंगाल बना दूंगा
देश की आर्थिक स्तिथि खराब हो
सभी मित्रों को मालदार बना दूंगा ,
जब सबकुछ खत्म हो जाएगा तो
एक कटोरा हाथ में थमा दूंगा
मांगो खाओ आराम और ऐश करो
मैं तो फ़क़ीर हूँ जो मिलेगा खा लूंगा ।
अज्ञात
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