भाजपा ३ साल पूर्ण होने के उपलक्क्ष्य में देश में ३०० स्थानों पर बड़े बड़े समारोह ( जश्न )मनाने जा रही है
अब आप सोचिये कि यदि एक स्थान पर जश्न मानाने में १० करोड़ रुपया खर्च होता है तो ३०० स्थानों में मानाने पर कितना रुपया खर्च होगा यानी की ३०० +१० =३००० करोड़ रुपया ,अब सोचने का विषय ये है की इतना सारा रुपया आएगा कहाँ से ,वैसे सोचने की जरूरत भी नहीं है ये सब रुपया देश की गरीब जनता के खून पसीने की कमाई है जिसे यश परस्ती में गंवा दिया जायेगा जिससे किसी का भला होने वाला नहीं हैं परन्तु जिनका अहंकार चौथे आसमान पर हो उसे भला कौन समझा सकता है ,जब की एक तरफ जनता महंगाई की मार ,बेरोजगारी ,के कारण त्राहि त्राहि कर रही हो वहां क्या ये सब बातें शोभा देती हैं
वैसे भी अब देश की जनता की कौनसे भाजपा को चिंता है उसने तो अब २ साल और मजे के साथ गुजरने हैं पता नहीं उसके बाद सत्ता मिले या ना मिले ,इसलिए भैया " राम नाम की लूट है लूट सके जो लूट ,अब तो ये ही हो रहा है
अब आप सोचिये कि यदि एक स्थान पर जश्न मानाने में १० करोड़ रुपया खर्च होता है तो ३०० स्थानों में मानाने पर कितना रुपया खर्च होगा यानी की ३०० +१० =३००० करोड़ रुपया ,अब सोचने का विषय ये है की इतना सारा रुपया आएगा कहाँ से ,वैसे सोचने की जरूरत भी नहीं है ये सब रुपया देश की गरीब जनता के खून पसीने की कमाई है जिसे यश परस्ती में गंवा दिया जायेगा जिससे किसी का भला होने वाला नहीं हैं परन्तु जिनका अहंकार चौथे आसमान पर हो उसे भला कौन समझा सकता है ,जब की एक तरफ जनता महंगाई की मार ,बेरोजगारी ,के कारण त्राहि त्राहि कर रही हो वहां क्या ये सब बातें शोभा देती हैं
वैसे भी अब देश की जनता की कौनसे भाजपा को चिंता है उसने तो अब २ साल और मजे के साथ गुजरने हैं पता नहीं उसके बाद सत्ता मिले या ना मिले ,इसलिए भैया " राम नाम की लूट है लूट सके जो लूट ,अब तो ये ही हो रहा है
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