प्रिय देशवासियो ,यदि देश में पहली जुलाई से जी एस टी लागू हो गया तो ,
सम्पूर्ण देश का दिवाला पिट जाएगा क्यो कि इसके अंतर्गत इतनी खाना पूर्ती ,और कागज़ पूर्ती है कि छोटे छोटे व्यापारी तो उस खानापूर्ति को कर ही नहीं पाएंगे ,जिसका प्रभाव उनके व्यापार पर पडेगा जिसके व्यापारियों के तो काम काज ही बंद हो जाएंगे ,परन्तु उनके साथ साथ जो बड़े बड़े व्यापारी हैं चाहे वो मुकेश अम्बानी ,अनिल अम्बानी या टाटा ,बिरला ,डालमियां अडानी ,डिडवानिया कोई भी क्योँ न हो उनकी मनुफैचरिंग भी बंद हो जाएंगी क्योँकि उनका माल तो नीचे के पायदान पर ही बिकता है और फिर बजाय ज्यादा टैक्स आने के सरकार को भी टैक्स कम ही आएगा ,बेरोजगारी फ़ैल जायेगी ,,लाखों व्यापारी भी बेरोजगार हो जाएंगे
जिन व्यापारियों या बड़े बड़े घरानो ने बैंकों से बड़े बड़े अरबों ,खरबों में लोन ले रखे हैं वो उसके इंटरेस्ट तक को नहीं भर पाएंगे जिससे हो सकता है बैंकों के पैसे भी डूब जाएँ ,और बैंक भी दिवालिये हो जाएँ
देश में बना हुआ सम्पूर्ण माल निर्यात नहीं होता कुछ ही % निर्यात होता है बाकी सम्पूर्ण माल देश में ही खपता है सरकार को आयकर सहित सभी प्रकार के टैक्स आने कम हो जाएंगे ,जिससे केंद्र और प्रदेशीय सरकारें भी चरमरा जाएंगी ,देश की अर्थव्यवस्था खराब हो जायेगी जी डी पी ५.१ % से भी घटकर ३% ही ना रह जाए और मनुफेक्चरिंग ग्रोथ २.१% से भी घटकर कहीं जमीन पर ही ना लेट जाए
और मजे की बात ये है की अगर एक बार हालत ख़राब हो गई तो सम्भालनि मुश्किल हो जायेगी ,विदेशों में बनी हुई शाख भी ख़राब हो सकती है कहीं ऐसा ना हो कि "छन्नू मियाँ चले बन्नू खान बनने कहीं नन्हें खान ही ना बन जाएँ "
जिस भ्र्ष्टाचार को मोदी जी खत्म करने चले हैं वो इंस्पेक्टर राज होने के बाद कई गुना बढ़ सकता है
हमारी जेटली जी और मोदी जी से प्रार्थना है की वो इसे प्रेस्टीज ईसू ना बनाएं ,और जनता जो चाहती है वो ही करें ,वरना नतीजे शायद अच्छे ना निकलें ,बाकी आपकी मर्जी
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