आज तक का दालों में सबसे बड़ा घोटाला ( मोदी राज )
मोदी जी राज में २५ से ५० रुपया किलो की दालें २०० रुपयां कैसे हो गई ?
तो सुनिए ,
मोदी जब गद्दी नशीन हुए उस वक्त देश में दालों का भाव लगभग ४० रूपये से ६० रूपये किलो तक था ,और किसानों से खरीद मूल्य २२ रूपये से लगभग ३४ रिप्ये से ४० रूपये तक था ,
मोदी जी के चुनावों में दो बहुत बड़े घराने ने चुनावों में बहुत पैसा लगाया था ,जो की सभी जानते हैं कि वो कौन कौन थे ,तो उनको चुनावों में लगा पैसा ब्याज सहित कमवाना भी था ,अक्सर राजनितिक दल ऐसा हि क़रते है
ये कोई नै बात नहीं। वो ही हमारे देश की सत्तारूढ़ पार्टी ने भी किया ,
जनता को कहा गया की हमारी सरकार के द्वारा दाल भरी मात्रा में निर्यात की जा रही हैं क्योँकि विदेशी मुद्रा की कमी है,जिससे देश को बहुत फायदा होगा
उसी वक्त उन दोनों बड़े घरानो ने देश के किसानों की सारी दालें खरीद लीं,सरकार की मार्फ़त , और फिर उनको गोदी पर खड़े पानी के जहाज़ों मे लदवाया जाता रहा जब देश की सभी किसानों से लगभग दालें खरीदी जा चुकी तो फिर हजारों टन दालें जो बाजारों में स्टोक्स में पडी थी वो भी ऊँचे दामों पर खरीदीं जाने लगी और फिर कुछ ही समय में दालों के लिए हाहाकार मच गया था और दालें यकायक २०० रूपये किलो तक पहुँच गई और ,चारों तरफ से मोदी सरकार पर छीटा काशी होने लगी ,
तब मोदी सरकार ने अखबारों में विज्ञापन दिए कि वो अब अफ्रिका आदि बहुत से देशों से दालें खरीद रहें हैं और जल्दी ही दालों का संकट खत्म हो जाएगा ,और फिर तभी वो दालें ,जो पहले से ही शिपों में लदी ,गोदी पर ही पडी थी ,उनको बेचना शुरू कर दिया गया और फिर उन दालों से उन बड़े घरानों को हजारों करोड़ का लाभ हुआ और जनता तब तक २०० रूपये की दालें खा खाकर लूट पिट चुकी थी
वास्तविकता ये ही थी की जो दालें बड़े घरानों और सरकार ने किसानों से भी खरीदी थी वो भी दोनों बड़े घरानों के शिप्स में स्टॉक कर दी गई और जैसे ही २०० रुपया मूल्य पहुंचा बेचनी शुरू कर दी ,जिनमे ४००% तक मुनाफ़ा कमाया गया , उनका निर्यात तो हुआ ही नहीं वो तो किसानों और बड़े व्यापारियों से सस्ते मूल्य पर ख़रीद कर जहाज़ों में स्टॉक कर दिया गया ,
ात: मेरी विपक्षियों राजनितिक पार्टियों से अनुरोध है की वो इस दाल घोटाले का पर्दाफ़ाश करें
No comments:
Post a Comment