भिखारी उवाच
चौराहे पर
आज एक भिखारी ,मिला
मैंने पूछा
बाबा कितना कमा लेते हो
बोला ,भगवन की कृपा है
कभी हिसाब नहीं लगाया
खूब खर्च करता हूँ
खाता हूँ ,
खूब पिता हूँ
कड़े नए तो नहीं पुराने ही पहिनता हूँ
क्योँकि धंधे पे
असर पड़ता है ,
हाँ यदि कोई नया आप जैसा मिले तो
बस लम्बी लम्बी छोड़ता हूँ
पढ़ें लिखा नहीं हूँ ,
इसी लिए
कभी कभी गलत सलत भी बोलता हूँ
लाखों से बुरा
और लाखों से अच्छा
फिर भी संसार में
मैं खुद को सबसे अमीर बोलता हूँ
वैसे मुझे शर्म भी नहीं आती
क्योँकि मैं खुद को
देश के अमीरों का बाप बोलता हूँ |
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